निर्गमन 24:3-8; इब्रानियों 9:11-15; संत मारकुस 14:12-16,22-26
प्रभु येसु ख्रीस्त में प्रिय माता-पिताओं, भाइयों-बहनों एवं बच्चों, आप सभी को जय येसु और प्रभु ख्रीस्त के पवित्र शरीर और रक्त के पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएँ। मैं प्रभु का धन्यवाद देते हुए बहुत खुशी महसूस कर रहा हूँ, क्योंकि आपके साथ मिलने के लिए एक और अवसर मिला है। प्रभु ख्रीस्त के शरीर और रक्त का पर्व पवित्र त्रित्व पर्व के बाद के बृहस्पतिवार अथवा रविवार को मनाया जाता है। हम हर रोज के युखरीस्तीय बलिदान में प्रभु येसु ख्रीस्त के शरीर और रक्त को बड़े भक्ति-भाव से ग्रहण करते हैं। परंतु आज इस पर्व का विशेष महत्व क्या है? आज के इस पर्व के द्वारा प्रभु येसु और माता कलीसिया हमें येसु के शरीर और रक्त को ग्रहण करके उनके समान बनने और उनके शरीर, अर्थात कलीसिया के अंग बनने के लिए निमंत्रण देते हैं। साथ ही साथ, आज का यह पर्व युखरीस्त के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान करता है। आज के पाठों के द्वारा माता कलीसिया हमें इस सच्चाई को स्थापित करती है कि हम समुदाय की मुक्ति केवल प्रभु येसु से ही प्राप्त कर सकते हैं, और उनके शरीर को ग्रहण करने और रक्त को पीने से ही हम अनंत जीवन पा सकते हैं।
आज का पहला पाठ निर्गमन ग्रंथ अध्याय 24, वचन 3-8 से लिया गया है। यह हमें बताता है कि जब मूसा ने सीनाई पर्वत से उतरकर लोगों को ईश्वर के सब वचनों और आदेशों को सुनाया, तो लोगों ने बड़े भक्ति-भाव और आज्ञाकारिता से उत्तर दिया—"प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उसका पालन करेंगे।" संत पौलुस फिलिप्पियों 2:6-11 में यह स्पष्ट करते हैं कि प्रभु येसु, जो ईश्वर थे, उन्होंने दास का रूप धारण किया, और मनुष्य के समान बनकर स्वयं को दीन-हीन बना लिया। इतना ही नहीं, वे क्रूस पर मरण तक आज्ञाकारी बने रहे। वे आज्ञाकारी प्रभु येसु हमें अपने शरीर और रक्त के द्वारा ईश्वर और कलीसिया के सामने आज्ञाकारी बनने का आह्वान करते हैं। पुराने विधान में इस्राएलियों ने ईश्वर के साथ अपनी प्रतिज्ञा को बनाए रखने और उसे पुनः स्थापित करने के लिए बार-बार बकरों और बछड़ों का बलिदान दिया। वे उनके रक्त के द्वारा इस प्रतिज्ञा की पुष्टि करते थे। परंतु प्रभु येसु ने एक ही बार अपने आपको स्वेच्छा से बलिदान देकर, अपने रक्त द्वारा हमें पिता ईश्वर के साथ मेल कराया। इस कारण, प्रभु येसु के बलिदान के द्वारा हम सदा के लिए पिता ईश्वर के पुत्र-पुत्रियाँ बन गए हैं।
आज के पहले पाठ में मूसा ईश्वर और इस्राएलियों के बीच एक माध्यम बनकर बलिदान चढ़ाते हैं। पुराने विधान में यह कार्य महायाजक करते आए थे। आज के दूसरे पाठ में हमें यह सिखाया गया है कि नए विधान में प्रभु येसु स्वयं महायाजक बनकर अपने आपको क्रूस पर बलि चढ़ाते हैं। उनका बलिदान पूर्ण और संपूर्ण है, क्योंकि इस बलिदान में ना तो बकरों और बछड़ों का रक्त चढ़ाया गया, बल्कि स्वयं येसु ने अपने रक्त द्वारा हमें पापों से मुक्त किया। इस बलिदान के द्वारा हम पुनः ईश्वर के परिवार के सदस्य बन जाते हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रभु येसु ने अपने पिता को हमारा पिता और अपनी माता को हमारी माता बना दिया, और स्वयं हमारे भाई एवं मित्र बन गए। उनका मित्रत्व इतना ईमानदार और सच्चा है कि जैसा उन्होंने कहा, वैसा ही उन्होंने अपने प्राण हमारे लिए न्योछावर कर दिया, जैसा कि यूहन्ना 15:13 में लिखा है—"जो अपने मित्रों के लिए अपने प्राण दे, उससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं।"
पुराने विधान में महायाजक लोगों के पापों के लिए बार-बार बलिदान चढ़ाते थे, और उन बलिदानों के रक्त को लोगों पर छिड़ककर उन्हें शुद्ध किया जाता था। नए विधान में प्रभु येसु ने अपने आपको सदा के लिए एक बार अर्पित कर दिया, और हम सबको अपने रक्त द्वारा शुद्ध किया। वे अपने शरीर से हमें आत्मिक बल प्रदान करते हैं। हर युखरीस्तीय बलिदान प्रभु येसु की मृत्यु की एक यादगार है। इसमें साधारण रोटी और दाखरस, पवित्र आत्मा की शक्ति से प्रभु येसु के शरीर और रक्त में परिवर्तित हो जाते हैं। प्रभु येसु ने यह वादा किया है—"जो मेरा मांस खाता और मेरा रक्त पीता है, उसे अनंत जीवन प्राप्त है।" (यूहन्ना 6:54) प्रभु येसु के लिए मनुष्यों को उनके पापों से मुक्त करना और उन्हें पुनः ईश्वर के पुत्र-पुत्रियाँ बनाना सबसे बड़ा उद्देश्य था। क्रूस इस मुक्ति के लिए एक साधन बना, और उनके क्रूस मरण द्वारा ही हमें मुक्ति मिली। वही मुक्तिदाता हर युखरीस्तीय बलिदान में हमें अपने शरीर और रक्त के द्वारा मुक्ति प्रदान करते हैं।
प्रभु येसु का क्रूस पर मरना और हर युखरीस्त में अपने शरीर एवं रक्त को प्रदान करना, पिता ईश्वर के प्रेम को प्रकट करने का उत्तम तरीका था। युखरीस्तीय बलिदान जो हर समय गिरजाघरों में चढ़ाया जाता है, उसे प्रभु येसु हमारे हृदयों में चढ़ाना चाहते हैं। ईश्वर के दूतगण इस बलिदान को चढ़ाने के लिए वेदियाँ खोज रहे हैं। क्या हमारे हृदय इसके लिए तैयार हैं?